लखनऊ। प्रदेश सरकार की मंशा को देखते हुए अयोध्या की तर्ज पर लखनऊ का भी सिटी डेवलेपमेंट प्लान बनाने की योजना को रफ्तार मिलनी शुरू हो गई है। अगर यही रफ्तार रही तो आगामी माह में शहर को पचास साल के लिए सुविधाओं से कैसे लैस करना है वह कागजों पर निजी सलाहकार द्वारा तैयार करने की योजना है। जरूरत होगी बजट और इच्छा शक्ति की। इसी क्रम में मण्डलायुक्त रंजन कुमार पहले ही सिटी डेवलपमेन्ट प्लान (सीडीपी) की बैठक में निर्देश दे चुके हैं। अगले 50 साल की जरूरतों के हिसाब से तैयार करने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण एक सिटी डेवलपमेन्ट प्लान तैयार करने के आदेश मंडलायुक्त ने दिए थे। हालांकि इस पर लविप्रा पहले से काम कर रहा है।
मण्डलायुक्त ने कहा कि राजधानी के धार्मिक स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों और संस्कृति पर पर्यटन की दृष्टि कोण को ध्यान में रखते हुए और स्मार्ट लखनऊ के साथ ही पुराने लखनऊ की खूबसूरती को संजोए रखने के लिए क्या करना चाहिए? इस पर संबंधित अधिकारियों से सुझाव लिया गया और अंडर ग्राउण्ड पार्किंग बनाने को लेकर विशेष ध्यान दिया गया व मूलभूत सुविधाओं पर जोर देते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था, मेडिकल संबंधित, यातायात की उचित सुविधाओं को देखते हुए मास्टर प्लान बनानें के निर्देश दिए और निजी कम्पनियों को निवेश के लिए बेहतर अवसर पर उपलब्ध कराने के विषय पर विचार विमर्श किया गया।
राजधानी के विकास के लिए क्या प्रोजेक्ट जरूरी है, उनके लिए किस तरह काम करने की जरूरत है अभी मौजूदा संसाधन और अवस्थापना ढांचा क्या है आने वाले 50 साल के लिए शहर की क्या-क्या जरूरते होगीं इनका आकंलन विशेषज्ञों की मदद से किया जाना है, इससे भविष्य की जरूरतों को देखते हुए शहर का विकास हो सकेगा, इससे लोगों को भी आने वाले सालों में सहूलियत होगी शहर के विकास के लिए एक विजन डाक्यूमेन्ट की तरह काम करेगा और इन कामों की प्राथमिकता सड़क नेटवर्क, ओपन एरिया जैसें पार्क, मार्केट क्षेत्रों का विकास, पार्किंग क्षमता, स्र्पोटस, औद्योगिक क्षेत्र, नई आवासीय परियोजनाओं पर चर्चा की गई।
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